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Channel: गुड़ी पड़वा
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गुड़ी पड़वा से नव वर्ष की शुरुआत

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा कहते हैं, इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। पढ़ें गुड़ी पड़वा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी गुड़ी पड़वा विशेष पर! महाराष्ट्रीयन परिवारों...

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कैसे मनाएं गुडी पड़वा?

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा कहते हैं, इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। पढ़ें गुड़ी पड़वा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी गुड़ी पड़वा विशेष पर! घर को ध्वजा, पताका, तोरण,...

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गुड़ी पड़वा : नए वर्ष के स्वागत का पर्व

चैत्र पक्ष वर्ष प्रतिपदा के दिन गुड़ी उभार कर संवत्सर का स्वागत किया जाता है। इस उत्सव को वैसे तो सभी मराठी भाषी पूरे उत्साह से मनाते हैं लेकिन उन परिवारों में इसको मनाने का उत्साह और बढ़ जाता है जिनके...

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गुड़ी पड़वा : नवसंवत्सर में नवजीवन का संदेश

कहा जाता है कि ब्रह्मा ने सूर्योदय होने पर सबसे पहले चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि की संरचना शुरू की। उन्होंने इसे प्रतिपदा तिथि को प्रवरा अथवा सर्वोत्तम तिथि कहा था। इसलिए इसको सृष्टि का प्रथम दिवस...

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विजय का संदेश देता गुड़ी पड़वा

सोते हुए के कानों में सांस्कृतिक शंख ध्वनि फूंकने और मृत मानव के शरीर में जीवन संचार करने के लिए आज भी ऐसे शालिवाहनों की जरूरत है। मानव मात्र में ईश्वर दत्त विशिष्ट शक्तियां हुई हैं।

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गुड़ी पड़वा : नया क्षितिज हो मंगलमय

गुड़ी पड़वा हिन्दू नववर्ष के रूप में भारत में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य, नीम पत्तियां,अर्घ्य, पूरनपोली, श्रीखंड और ध्वजा पूजन का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि चैत्र माह से हिन्दूओं का नववर्ष...

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...यहां गुड़ी पड़वा पर होता है रावण दहन

आपको ज्ञात होगा कि देशभर में दशहरे पर रावण दहन होता है। लेकिन उज्जैन संभाग का एक गांव ऐसा है, जहां हिन्दू नववर्ष की शुरुआत रावण दहन के साथ की जाती है। बरसों से यहां के लोग इस अनूठी परंपरा का निर्वाह...

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गुड़ी पड़वा के दिन क्यों खाएं नीम, जानिए

गुड़ी पड़वा के दिन नीम का रसपान किया जाता है। नीम कड़ुवा है, लेकिन आरोग्य-प्रद है। प्रारंभ में कष्ट देकर बाद में कल्याण करने वालों में से यह एक है।

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हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2071 का शुभारंभ

31 मार्च 2014 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2071 की शुरुआत होगी। इस नवसंवत्सर का नाम 'प्लवंग' होगा। इस दिन गुड़ी पड़वा, आर्य समाज का स्थापना दिवस और चैत्र नवरात्रि की आराधना का...

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गुड़ी पड़वा से हिन्दू नववर्ष प्रारंभ

चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा कहते हैं, इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। पढ़ें गुड़ी पड़वा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी गुड़ी पड़वा विशेष पर! फाल्गुन की फुहार, रंगों...

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गुड़ी पड़वा : वर्ष भर की शुभता के लिए जानिए, क्या करें इस दिन

पूजन का शुभ संकल्प कर नई बनी हुई चौरस चौकी या बालू की वेदी पर स्वच्छ श्वेतवस्त्र बिछाकर उस पर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल कमल बनाकर उस पर ब्रह्माजी की सुवर्णमूर्ति स्थापित करें।

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समृद्धि और सौभाग्य का वरदान देती है गुड़ी पड़वा

ब्रह्म पुराण के अनुसार, यही वह दिन है जब भगवान ब्रह्मा ने संसार की सृष्टि जलप्रलय के बाद की थी और सतयुग (सत्य और न्याय का युग) की शुरूआत हुई थी। गुड़ी पड़वा को लेकर एक दूसरी दंतकथा है कि भगवान राम ने...

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नवसंवत्सर : भारतीय कालगणना का शुभ पर्व

युगों में प्रथम सत् युग का प्रारंभ भी इस तिथि को हुआ था। यह तिथि ऐतिहासिक महत्व की भी है, इसी दिन सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने शकां पर विजय प्राप्त की थी और उसे चिरस्थायी बनाने के लिए विक्रम संवत...

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नवसंवत्सर पर 136 देव का पूजन करें, जानिए कैसे

इस दिन प्रातः नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर स्वच्छ या नए (सामर्थ्यानुसार) वस्त्राभूषण धारण करें। इसके बाद हाथ में गंध, पुष्प, अक्षत तथा जल लेकर संकल्प करें।

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गुड़ी पड़वा : सांस्कृतिक सौन्दर्य का पर्व

गुड़ी पड़वा हिन्दू नववर्ष के रूप में भारत में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य, नीम पत्तियां,अर्घ्य, पूरनपोली, श्रीखंड और ध्वजा पूजन का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि चैत्र माह से हिन्दूओं का नववर्ष...

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नूतन और अभिनंदन का पर्व है गुड़ी पड़वा

संत ऋतु का पहला हिस्सा पतझड़ का हुआ करता है... पेड़ों, झाड़ियों, बेलों और पौधों के पत्ते सूखते हैं, पीले होते हैं और फिर मुरझाकर झड़ जाते हैं। उन्हीं सूखी, वीरान शाखाओं पर नाजुक कोमल कोंपलें आनी शुरू हो...

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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा : इतिहास के दर्पण में नवसंवत्सर

इस नव संवत्सर का इतिहास बताता है कि इसका आरंभकर्ता शकरि महाराज विक्रमादित्य थे। कहा जाता है कि देश की अक्षुण्ण भारतीय संस्कृति और शांति को भंग करने के लिए उत्तर पश्चिम और उत्तर से विदेशी शासकों एवं...

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जानिए, हिन्दू नया वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही क्यों?

चैत्र ही एक ऐसा माह है जिसमें वृक्ष तथा लताएं पल्लवित व पुष्पित होती हैं। इसी मास में उन्हें वास्तविक मधुरस पर्याप्त मात्रा में मिलता है। वैशाख मास, जिसे माधव कहा गया है, में मधुरस का परिणाम मात्र...

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वर्ष प्रतिपदा : विकार पर विचार की विजय का पर्व

गुड़ी यानी विजय पताका। भोग पर योग की विजय, वैभव पर विभूति की विजय और विकार पर विचार की विजय। मंगलता और पवित्रता को वातावरण में सतत प्रसारित करने वाली इस गुड़ी को फहराने वाले को आत्मनिरीक्षण करके यह देखना...

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गुड़ी पड़वा विशेष : मानव देह की प्रतीक है गुड़ी

गुड़ी मानव देह की प्रतीक है। इस एक दिन के त्योहार में आपको आदर्श जीवन के प्रतिबिंब नजर आते हैं। 'गुड़ी' की लाठी को तेल, हल्दी लगा गर्म पानी से नहलाते हैं। उस पर चांदी की लोटी या तांबे का लोटा उल्टा डाल...

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