मंदिर में प्राप्त नीम और शक्कर के प्रसाद के पीछे अति मधुर भावना छिपी होती है। जीवन में कभी सुख या दुख अकेले नहीं आते। सुख के पीछे ही दुख होता है और दुख के पीछे सुख आता है।
↧